हिमाल : अपना-पहाड़

बस एक कामना, हिम जैसा हो जाए मन

Saturday, February 14, 2009

चुनाव पर दो शब्द

१.मदारी
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हां तो !
मेहरबान, कद्रदान
आप बीड़ी पी के फूंक देते हैं
पान खा के थूक देते हैं
क्या एक छोटा सा वोट
हमें नहीं दे सकते ?
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गिर्दा
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२.आये दिन बहार के
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'स्वेत-स्याम-रतनार' अंखिया निहार के
महा-महा प्रभुओं की पग-धूर-झार के
लौटे हैं दिल्ली से कल टिकट मार के
खिले हैं दांत ज्यों दाने आनार के
आये दिन बहार के।
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नागार्जुन
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3.ख़ूनी पंजा
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ये खूनी पंजा किसका है
ये मुल्क में कहर सा बरपा है
ये शहर में आग सा बरसा है
ये खूनी पंजा किसका
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गोरख
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