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Saturday, April 14, 2018

पकौड़ा विकास पार्टी और ‘पकौड़ा’ केंद्रित घोषणापत्र



इतिहास कई बार अनोखी करवट लेता है। कई बार ऐसी बातें हो जाती हैं, जो आगे चलकर युगांतकारी साबित होती हैं। ऐसा ही पकौड़ों के साथ हुआ। महापुरुष के श्रीमुख से निकली बहुत छोटी सी बात ने पकौड़ों का भूत और भविष्य दोनों बदल दिया। महापुरुषों के शब्दों के क्या मायने होते हैं। ये बात पकौड़ों का उदाहरण देकर समझी जा सकती है। 

पकौड़ों की अहमियत के बारे में उनके श्रीमुख से चंद शब्द ही निकले थे। और पकौड़े रातों रात लोकप्रियता के सोपान चढ़ते चले गए। असर इतना गहरा हुआ कि देश के करोड़ों बेरोजगार पकौड़ों की तरफ उम्मीद भरी नजरों से देखने लगे। 
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ऐसे प्रशिक्षित शिक्षक जिन्हें अभी तक किंचित कारणों से सरकारी नौकरी नहीं मिली पाई थी। वो अच्छे दिनों की उम्मीद से चहकने लगे। पकौड़़ा विद्यालय, पकौड़ा महाविद्यालयों और पकौड़ा यूनिवर्सिटी के खुलने की उम्मीद जगी। तो इनके सुस्त पंखों ने फड़कना शुरू कर दिया।
 
पकौड़ों की अपार लोकप्रियता का जबर्दस्त असर हुआ। पकौड़ों के इर्दगिर्द तेजी से घटनाक्रम बदला। और इसकी वजह से कई नए एवेन्यू खुल गए।  इसी क्रम में चुनाव से कुछ दिन पहले पकौड़ा विकास पार्टी अस्तित्व में आई। पकौड़ा विकास पार्टी ने क्रांतिकारी तरीके से राजनीति के मैदान में कदम रखा। अपने गठन के कुछ दिनों बाद ही पार्टी ने पकौड़ों के विकास का प्लान जनता से साझा किया। पार्टी ने एक चकाचक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके झन्नाटेदार घोषणापत्र जारी किया।

पकौड़ा विकास पार्टी के घोषणापत्र में रोजगार के वादे को प्रमुखता से जगह दी गयी। रोजगार के लिए एक वृहद पॉलिसी का वादा किया गया। बेरोजगारी की तेज वृद्धि दर को पछाड़ने के लिए संगठित और असंगठित क्षेत्र के साथ साथ पकौड़ा क्षेत्र के रोजगार को भी शामिल किया गया।
पकौड़ा विकास पार्टी के नेता पकौड़ा रोजगार के क्षेत्र के ज्ञाता थे। अपने अनुभव के आधार पर उन्होंने पकौड़ा क्षेत्र के रोजगार के लिए कुछ अहम वादे किए। पकौड़ा विकास पार्टी के घोषणापत्र में पकौड़ा रोजगार को खास जगह दी गयी।

पकौड़ा विकास पार्टी के नेता ने कहा। हमारी सरकार बनी तो, हम चार स्तर पर काम करेंगे। पहले स्तर पर पकौड़ा विद्यालय और पकौड़ा महाविद्यालयों की स्थापना की जाएगी। दूसरे स्तर पर तकनीकी एजुकेशन देने के लिए पकौड़ा आईटीआई और पकौड़ा पॉलीटेक्निक खोले जाएंगे। तीसरे स्तर पर पकौड़ा यूनिवर्सिटी खोलने की योजना है। हम चाहते हैं कि पकौड़ा विषय पर विस्तृत शोध हों, जिससे हम पकौड़ा क्षेत्र में दुनिया के विकसित देशों का मुकाबला कर सकें। पकौड़ा विकास पार्टी ने चौथे स्तर पर पकौड़ा आयोग के गठन का वादा किया। 

पकौड़ा नीति को लेकर पार्टी ने घोषणापत्र में ठोस रुपरेखा का वर्णन किया। पकौड़ा आयोग के गठन के पीछे पार्टी के नेता का खास इरादा था। इसका जिक्र भी घोषणापत्र में किया गया था। पकौड़ा आयोग का काम राष्ट्रीय स्तर पर पकौड़ा नीति बनाने का होगा। राज्यों के साथ तालमेल की जिम्मेदारी पकौड़ा आयोग पर ही होगी। पकौड़ा आयोग, पकौड़ा रोजगार से जुड़े सभी पक्षों के साथ सामंजस्य बिठाने का काम करेगा। पकौड़ा विद्यालय, पकौड़ा महाविद्यालय से लेकर पकौड़ा आईटीआई, पकौड़ा पॉलीटेक्निक और पकौड़ा यूनिवर्सिटी तक सभी एक दिशा में काम कर सकें, इसकी गाइडलाइंस बनाने की जिम्मेदारी भी पकौड़ा आयोग की होगी। 

पकौड़ा विकास पार्टी के घोषणापत्र के अगले हिस्से में लिखा था। पकौड़ा क्षेत्र को अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनाने के लिए पकौड़ा विकास पार्टी पूरी तरह कृतसंकल्प है। हम पकौड़ा रोजगार के प्रति युवा पीढ़ी को आकर्षित करने के लिए विशेष बैंक की स्थापना करेंगे। ये बैंक पकौड़ा रोजगार के इच्छुक युवाओं को आर्थिक मदद मुहैया कराएंगे। पकौड़ा रोजगार शुरू करने के लिए राष्ट्रीय नीति के तहत पहली बार बेसन, आलू, प्याज, तेल और नमक फ्री दिया जाएगा। हमारी सरकार कड़ाही, करछी और गैस चूल्हे के लिए कम ब्याज दर पर लोन की व्यवस्था भी करेगी। 

घोषणापत्र में वादा किया गया था कि अलग अलग बाजारों, चौराहों, सड़कों और गलियों पर पकौड़ा रोजगार के लिए जगह अलॉट की जाएगी। जगह के आवंटन के लिए राज्य स्तर पर लिखित परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। बाजार, सड़क और गलियों का आवंटन मेरिट के आधार पर होगा। जिन प्रतिभागियों की टॉप रैंकिंग होगी, उन्हें बाजारों में जगह दी जाएगी। इसके बाद प्रमुख चौराहों, सड़कों और गलियों का नंबर आएगा।

पकौड़ा क्षेत्र के बारे में ऐसे वादे और इस तरह की ठोस नीति का मतदाताओं पर जबर्दस्त असर हुआ। पकौड़ों के अच्छे दिन आएंगे, इस उम्मीद से पकौड़ा विकास पार्टी को लोगों का अपार समर्थन मिला। पकौड़ों से जुड़े नारों ने ठीक वैसा असर किया, जैसा कभी गरीबी वरीबी हटाने के नारे ने किया था। चुनाव में झूठे नारे देने की हमारे यहां पुरानी परंपरा है। इसलिए पकौड़ा विकास पार्टी ने पूरी ईमानदारी से इसका निर्वहन किया। 

वोटर्स जानते थे कि पकौड़ा विकास पार्टी जुमलेबाजी कर रही है। फिर भी उन्होंने सोचा, चेंज होना चाहिए। देखते ही देखते पूरे राज्य में बदलाव की बयार बहने लगी। वोटिंग वाले दिन मतदान केंद्रों पर वोटर्स की लंबी लंबी लाइनें लग गयी। और हर बार की इस बार भी वोटर्स ने अपना फर्ज अदा किया। वोटर वोट डालकर भूल गए। और पकौड़ा विकास पार्टी के नेताजी वादा करके। पकौड़े अगले पांच साल अपनी नियती पर तरसते रहे। पकौड़ों के साथ विकास के पथ पर चलने का सपना देख रहे लोग भी देखते रह गए। और इस तरह पांच साल बाद फिर से चुनाव का ऐलान हो गया।

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