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Wednesday, April 18, 2018

गुस्ताखी माफ प्रधानमंत्री जी, कुछ गलतियां बतानी हैं


मुझसे कोई गलती हो जाए, तो बताते रहिए।

लंदन के वेस्टमिंस्टर सेंट्रल हॉल में करीब दो घंटे 20 मिनट लंबी भावपूर्ण बातचीत के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने हजारों की संख्या में सुनने और देखने पहुंचे लोगों से ये बात कही। ये कहते हुए, प्रधानमंत्री गरिमा से भरे हुए लगे। जैसा एक प्रधानमंत्री को होना चाहिए। 
भारत की बात, सबके साथ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी

इस बात से थोड़ी देर पहले प्रधानमंत्री ने एक और पते की बात कही। जैसा कबीरदास जी कह गए हैं निंदक नियरे राखिए, आंगन कुटी छवाय। बिन पानी, साबुन बिना; निर्मल करे सुभाय।। ऐतिहासिक वेस्टंमिस्टर सेंट्रल हॉल में भारत की बात, सबके साथकार्यक्रम में तालियों की गड़गड़ाहट और मोदी मोदी के नारों के बीच प्रधानमंत्री ने कहा  मैं आलोचना पसंद करता हूं। मैं आलोचना से घबराता नहीं हूं। प्लीज, मेरी आलोचना करो, क्योंकि इससे अलर्ट होने का मौका मिलता है। आलोचना लोकतंत्र की ताकत है।
भारत की बात, सबके साथ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी

 
मोदी हमारे प्रधानमंत्री हैं। मुझे उम्मीद है, वो जानना चाहेंगे कि गलती कहां हो रही है। और वो मेरी कड़वी बातों को पसंद करेंगे। जैसा उन्होंने कहा मैं भी मानता हूं, आलोचना लोकतंत्र की ताकत है। और आलोचना अच्छे मन से स्वीकार की जाए, तो काफी बिगड़ी बातें पटरी पर आ सकती हैं।
प्रधानमंत्री जी, आप गलतियां बताने की बात करते हैं, लेकिन गलती करने वालों पर कोई एक्शन नहीं लेते। मुझे तो लगता है, आप अपने सहयोगियों की गलतियां नजरअंदाज करते जा रहे हैं। होगी इसकी कोई वजह। लेकिन यकीन मानिए, प्रधानमंत्री जी, इसका खामियाजा देश को भुगतना पड़ रहा है, और आपकी छवि पर भी इसका निगेटिव असर पड़ रहा है।

प्रधानमंत्री जी, मैं ऐसी कोई बात नहीं बताऊंगा। जिससे आपको अपने दिमाग पर ज्यादा जोर डालना पड़े। इसलिए मैं हाल फिलहाल की गलतियों पर ही आपका फोकस रखना चाहता हूं। 


रेप के आरोपियों का समर्थन करने वाले मंत्रियों पर एक्शन में देरी क्यों?

प्रधानमंत्री जी, कठुआ में आठ साल की बच्ची का गैंगरेप और मर्डर हुआ। आपकी पार्टी के दो नेताओं ने (दोनों बीजेपी की सरकार में मंत्री भी थे) आरोपियों का समर्थन किया। आपको तो पता ही होगा, संविधान की शपथ लेकर मंत्री बनने वाले लाल सिंह चौधरी और चंद्र प्रकाश गंगा ने पुलिस पर सवाल उठाए, भीड़ को पुलिस के खिलाफ भड़काया। एक और बात आपको पता होगी,  इन लोगों ने 17 जनवरी के बाद से लेकर 9 अप्रैल तक लगातार लोगों को भड़काने का काम किया। 

प्रधानमंत्री जी, आपकी पार्टी के ये दो नेता, जो मंत्री भी थे। लगातार समाज को हिंदू-मुसलमान में बांटते रहे। आप बीजेपी के सबसे बड़े नेता हैं और सरकार में भी सबसे बड़े पद पर हैं। आपको बताना चाहता हूं कि आपने यहां एक गलती की है। राजधर्म का पालन नहीं हुआ है। जब आपको पता चला कि आपके दो नेता बलात्कार के आरोपियों का समर्थन कर रहे हैं, आपको उसी दिन इन दोनों को सरकार से हटने के लिए कहना चाहिए था। मंत्री हटे, इस्तीफे हुए। पर इसमें चार महीने लगे। मेरा ख्याल है कि एक प्रधानमंत्री को इस काम में चार दिन से ज्यादा नहीं लगाने चाहिए। 
भारत की बात, सबके साथ कार्यक्रम में कवि प्रसून जोशी

कोर्ट और कानून का मजाक बनाने वाले पर सख्ती क्यों नहीं?

प्रधानमंत्री जी, मैं आपका ध्यान एक और गलती की तरफ खींचना चाहता हूं। आप अश्विनी कुमार चौबे को तो जानते ही होंगे। अश्निनी कुमार चौबे आपकी सरकार में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री हैं। आपको पता होगा कि अश्विनी जी के बेटे अरिजित शाश्वत ने क्या किया?

आपके मंत्री के बेटे ने 17 मार्च को बिना इजाजत भागलपुर में एक जुलूस निकाला। कहा तो ये भी जा रहा है कि ये जुलूस जानबूझकर मुस्लिम बहुल इलाकों से निकाला गया। आरोप है कि जुलूस में एक समुदाय को उकसाने वाले आपत्तिजनक नारे लगाए गए। जिसके बाद माहौल खराब हो गया। मारपीट, पथराव, आगजनी, तोड़फोड़ और गोलीबारी की घटना घटी। इसी घटना के बाद बिहार में एनडीए सरकार ने आपकी पार्टी के इस नेता पर दंगा भड़काने का केस दर्ज किया। लोकल कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया। पर आपकी पार्टी का ये नेता 15 दिन तक पुलिस को चकमा देता रहा।
अच्छा तो ये होता प्रधानमंत्री जी, आपकी तरफ से सख्ती की जाती, और बीजेपी के इस नेता को सख्त लहजे में समझाया जाता। लेकिन आपने गलती की प्रधानमंत्री जी। 

शायद आप जानते होंगे। आपकी सरकार के मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने संविधान की शपथ खाने के बावजूद अपने उस बेटे का साथ दिया, जिसके खिलाफ कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर रखा था। आपके मंत्री साथी ने कहा मुझे गर्व है कि मेरा बेटा बीजेपी-आरएसएस का स्वयंसेवक है। वो कह रहा थे कि उन्हें अपने बेटे के काम पर नाज है। और उनके बेटे ने हिंसा के पांचवे दिन एफआईआर को लेकर कहा - मेरे खिलाफ जो एफआईआर हुई है, मैं उसे रद्दी का टुकड़ा मानता हूं। और इस एफआईआर को कूड़े में फेंकता हूं।  आपको समझना चाहिए कि गलती कहां हुई?
 
प्रधानमंत्री जी, एक महीना होने को है। आप इस मामले में बुरी तरह चूक गए। आपने न तो अपने मंत्री पर नकेल कसी। न उसके नेता बेटे पर। संविधान की शपथ खाकर आपका मंत्री कानून को ठेंगा दिखाता रहा। आपसे गलती तो हुई है।

रेप के आरोपी को संरक्षण क्यों दिया गया?

प्रधानमंत्री जी, उन्नाव में आपकी पार्टी के एक विधायक कुलदीप सेंगर पर एक लड़की ने रेप का आरोप लगाया है। वो लड़की एक साल से न्याय की उम्मीद के साथ इधर से उधर भटक रही है। थक हारकर वो आपकी पार्टी के मुख्यमंत्री के घर के सामने आत्मदाह करने पहुंची। 

और आपको पता होगा, जब ये लड़की न्याय के लिए भटक रही थी। उसी वक्त उसके पिता पर उलटा केस करा दिया गया। आरोप है कि आरोपी विधायक के भाई ने पीड़ित लड़की के पिता को बुरी तरह पीटा। पिता की पुलिस की हिरासत में ही मौत हो गयी। प्रधानमंत्री जी, आप मीडिया फ्रेंडली हैं। आपको देखकर लगता है कि आप न्यूज चैनल्स देखते होंगे। इस लड़की की कहानी लगातार एक हफ्ते चली। मुझे शिकायत है कि आप इस मामले में चुप रहे। 

मुझे लगता है, इस मामले में भी आपसे गलती हुई है। प्रधानमंत्री जी, आपको उस आरोपी विधायक को अपनी पार्टी से तुरंत निकलवा देना चाहिए था। आपको अपने मुख्यमंत्री को आदेश देना चाहिए था कि कि आरोपी विधायक को तुरंत गिरफ्तार करवाए। 

आपकी गलती तो है प्रधानमंत्री जी। आप इस मामले में सुस्त रहे। इसलिए हाईकोर्ट को बीच में आना पड़ा। हाईकोर्ट को कहना पड़ा कि विधायक को गिरफ्तार कब करोगे? आपकी गलती ये है कि आपने संवेदनशील बन चुके मामले में हस्तक्षेप नहीं किया। 

संविधान बदलने की बात करने वाले मंत्री पर नरमी क्यों?


प्रधानमंत्री जी, आप अनंत कुमार हेगड़े को तो जानते ही होंगे। आपकी सरकार में अनंत कुमार हेगड़े केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्य मंत्री हैं। प्रधानमंत्री जी, 26 दिसंबर को आपके मंत्री ने कर्नाटक के कोप्पल में कहा, बीजेपी संविधान बदलने के लिए सत्ता में आई है। लोग धर्मनिरपेक्ष शब्द से इसलिए सहमत हैं, क्योंकि यह संविधान में लिखा है। इसे (संविधान) बहुत पहले बदल दिया जाना चाहिए था, और हम इसे बदलने जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री जी, उन्होंने आगे कहा, जो लोग खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं, वे बिना माता पिता से जन्म लेने वालों की तरह हैं। अगर कोई कहता है कि मैं मुस्लिम, ईसाई, लिंगायत, ब्राह्मण या हिंदू हूं; तो मुझे खुशी होती है, क्योंकि वो अपनी जड़ों को जानते हैं। लेकिन जो खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं, मैं नहीं जानता उन्हें क्या कहा जाए।

प्रधानमंत्री जी, ये आपके उस मंत्री के शब्द हैं। जिसने आपकी आंखों के सामने संविधान की सौगंध खाकर मंत्री पद संभाला था। ये आपको क्या बताना कि संविधान का मतलब क्या है? प्रधानमंत्री जी, आपकी पार्टी ने आपके इस मंत्री से अगले दिन ही पल्ला झाड़ लिया था। तो फिर आपने कोई एक्शन क्यों नहीं लिया। आपने गलती बताने की बात की; प्रधानमंत्री जी, आपकी इस गलती को चार महीने होने वाले हैं।

आप खुद संविधान को बहुत अहमियत देते हैं। पर आपका एक मंत्री संविधान बदलने की बात खुलेआम करता है। फिर भी आप कोई एक्शन नहीं लेते। कई लोग समझ रहे हैं कि आप अपने मंत्री का मौन समर्थन कर रहे हैं। प्रधानमंत्री जी, मुझे लगता है। एक ताकतवर कुर्सी पर बैठकर जब आप गलत के खिलाफ एक्शन नहीं लेते, ये आपकी गलती है।

गलतियों का सुधार कब होगा, प्रधानमंत्री जी?

प्रधानमंत्री जी, ये अच्छी बात है कि आपकी पार्टी में लोकतंत्र इतना गहरा है कि कोई भी कुछ भी कह सकता है। पर कठुआ में जब आपके दो मंत्री रेप के आरोपियों का समर्थन करते हैं। तो वो नैतिक रुप से गलती करते हैं। ये एक तरह से रेप का समर्थन करने जैसा है। प्रधानमंत्री जी, ऐसे लोगों पर सख्ती किए बिना रेप की घटनाओं पर आप चाहे जितनी बातें कर लें, चाहें जितना दुख जता लें। ऐसा लगेगा, जैसे आप सिर्फ कहने के लिए कह रहे हैं।

प्रधानमंत्री जी, भागलपुर के अरिजित शाश्वत और उनके पिता की बातों पर चुप्पी; उन लोगों को ताकत देती है, जो समाज को धर्म के आधार पर बांटकर राजनीति करना चाहते हैं। आपकी चुप्पी बहुत से लोगों को ऐसी राजनीति करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।  

आप बाबा साहब आंबेडकर के अनन्य भक्त हैं, लेकिन आपका मंत्री संविधान पर चोट मारने की बात करता है; पर आप खामोश रहते हैं। प्रधानमंत्री जी, ये बाबा साहब की कैसे भक्ति है

प्रधानमंत्री जी, आपने कहा कि आपको गलतियां बताई जाएं। इसलिए मुझमें ये सब कहने की हिम्मत आई है। वरना आजकल लोग आपके बारे में कुछ भी कहने से डरते हैं। पर आपके मुंह से सुना कि आप आलोचना पसंद करते हैं, इसलिए लगा कि आपको बताना चाहिए। वैसे गलतियां आपने और भी की हैं। मैं कोशिश करुंगा कि आपको बताता रहूं।

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