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बस एक कामना, हिम जैसा हो जाए मन

Monday, September 30, 2019

मंगलवा गरीब है, सो सवाल पीछा करते हैं

गरीब पर सबका जोर चलता है। बड़का लोग से कोई सवाल नहीं पूछता।

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे गरीब हैं, बेचारे ने चमकी बुखार और बच्चों की मौत के बीच एक छोटा सा सवाल पूछ लिया, "कितने विकेट गिरे?" 

लगे सब गरीब को कोचने। इस छोटी सी बात पर लगा दी क्लास गरीब की।

खबर छाप दी। टीवी पर, एंकरवा चिल्लाहिस लागे।

किसी किसी ने तो इस्तीफा तक मांग लिया।

बवाल काट दिया सब लोग। 

हम पूछते हैं, क्या बुरा किया मंगल दादा ने?

क्रिकेट से मोहब्बत करते हैं। जी जान से चाहते हैं।

और बड़ी बात प्रधानमंत्री जी को फॉलो करते हैं। उनको आंख बंद करके मानते हैं। कोशिश करते हैं प्रधानमंत्री जी के बताए रास्ते पर चल सकें। 

मंगल दादा कोशिश कर रहे थे, मीडिया वाला सब खराब कर दिहिन।

अब बच्चे मर रहे हैं, तो का क्रिकेट देखना छोड़ देगा??
बताओ। बताओ। ये कोउ बात हुवा भला?

मोदी जी क्रिकेट क्रिकेट करें, तब तो सवाल नहीं सूझता इन मीडिया वालों को।

20 दिन होने को है, 120 से ज्यादा बच्चे मर गए। पर प्रधानमंत्री जी, सुध लिए क्या?

पर हमारे प्रधान जी क्रिकेट भूले का? वर्ल्ड कप शुरू होइ की शुभकामना। दे ट्वीट पर ट्वीट। शिखर धवन आउट, तो ट्वीट। कोइ देश का नेतवा बल्ला देई दे, तो ट्वीट।

सब बड़का आदमी ऐसा ही होता है।
हमार मंगल दादा , सिर्फ बड़ा बनने की सोचिन हैं।
और सब पिल पड़े, गरीब की सोच पर।

अब बताओ, का गरीब लोगन सोच भी ना पाई इस दुनिया मा।

अच्छा बताओ, क्रिकेट बड़ा या चमकी से मौत। पता है ना, वर्ल्ड कप चार साल में एक बार आत है। बच्चे तो रोज न मर रहे हैं। चमकी इस बार मिस भी हुआ तो अगले साल आयेगा ना? 
छोटका लोग, सब बुरबक, चिन्हता ही नहीं है।

मरे दो बच्चन को, मर्दे।
"600" करोड़ का देश है। तनी सौ दो सौ कम भी हो गए तो क्या?
बोले न, तो क्या?

मंगलवा बेचारा, मुजफ्फरपुर गया। अस्पताल गया, बच्चों को देखे। फिर जब सुस्ताये तब विकेट पूछे।

मीडिया वाले गरीब को धर लिहिस।।

अन्याय हुआ, सच में गरीब के साथ।

अब प्रधानमंत्री जी को देखो दिन में आधा दर्जन ट्वीट करते हैं। 
एक जून से बीस जून तक 20 दिन में 142 ट्वीट किये। 39 ट्वीट योग पर किया। 5 ट्वीट राहुल गांधी से लेकर दूसरे बड़का लोगों के बर्थडे पर किये।

3 ट्वीट क्रिकेट पर किये। 2 सांसदों के भोज पर किया। 

ऐसा नहीं मौत से दर्द नहीं होता। तीन ट्वीट नेताओं के निधन पर भी किया साहब ने।

प्रधान जी ने नब्बे ट्वीट अन्य मामलों पर भी किये।

पर चमकी पर एक्को नहीं किये। बच्चों की मौत पर नहीं किये। सीधे क्रिकेट पर किये। धवन का हाल चाल पूछे। योगा से कमर दर्द के बारे में बताया।

माँ का दर्द, भूल गए होंगे। और क्या? कोई जानबूझ कर थोड़े ना करता है!

अब देखो, बड़का लोग हैं। कोई पूछा, प्रधान जी से कि साहब 20 दिन हुआ, चमकी पर बच्चों की मौत पर ट्वीटयाए काहे नहीं। 

नहीं मन किया, नहीं किये। तुम्हें क्या?

बेचारा गरीब मंगलवा। सच में तुम पर दया आता है।
मंगलवा हम तुम्हारे साथ हैं।

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