हिमाल : अपना-पहाड़

बस एक कामना, हिम जैसा हो जाए मन

Thursday, March 19, 2009

महफूज़ नहीं बेटियां

ये सब लिखते हुए, मन कई सवाल पूछ रहा है। घटना ही कुछ ऐसी है। ऑस्ट्रिया के जोसेफ फ्रित्जल की कहानी सुने एक दो दिन ही हुए थे, बिल्कुल करीब से एक ऐसी ही कहानी सुनने को मिल गयी। मुंबई में एक आदमी अपनी ही बेटी से ९ साल तक बलात्कार करता रहा।

मैंने कुछ दिनों पहले ही ' मां है, वो भी ' शीर्षक से एक पोस्ट लिखी थी। मैंने उसमें महिलाओं के सामने घर में उपजने वाले ख़तरों की ज़िक्र किया था। लेकिन उस वक्त मेरे दिमाग में ये बात कहीं भी नहीं थी कि बेटियों को ख़तरा अपने पिता से भी होता है।

पहले वो पढ़िए... जो मैंने लिखा था--- ' क्या प्रकृति ने मर्दों को औरत पर शासन करने के लिए ही तैयार किया होगा ? ये सवाल मेरे दिमाग में बार-बार आता है। और ऐसे मौकों पर तो और अधिक, जब हम महिला दिवस जैसे दिनों की बात करते हैं। .... घर की चौखट लांघते ही औरत की मुश्किलें क्यों बढ़ जाती हैं ? शायद मैं गलत हूं, मुश्किलें तो चौखट के अंदर भी कम नहीं। '---------- ( मां है, वो भी)

मुंबई में बेटी से बलात्कार नौ साल तक हुआ। तब उस बदनसीब की उम्र महज़ 11 साल थी। जब वहशी बाप ने उसे पहली बार अपना शिकार बनाया। पिता ही अपनी बेटी का दुश्मन नहीं था, मां ने भी अपने वहशी पति का साथ दिया। मां के सामने पिता बेटी की अस्मत लूट रहा था, लेकिन मां ने नहीं रोका। ऐसा कैसे हो सकता है ? ये सवाल जितना बड़ा है, उतना ही जटिल भी।

ऑस्ट्रिया के जोसेफ फ्रित्जल की कहानी भी इतनी ही शर्मनाक है। जोसेफ अपनी बेटी के साथ २४ साल तक बलात्कार करता रहा। उसके अपनी ही बेटी से सात बच्चे पैंदा हुए। २४ साल तक एक बेटी को वो सब भोगना पड़ा, जिसकी कल्पना मात्र से रुह कांप जाती है। हालांकि अब ये वहशी अपने किए की सज़ा भुगत रहा है। ऑस्ट्रिया की अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई है। 73 वर्षीय इस हैवान बाप ने का कहना है कि उसे पता ही नहीं था कि बात इतनी बढ़ जाएगी।

जिस वक्त अदालत वहशी बाप को सज़ा सुना रही थी, बदनसीब बेटी एलिजाबेथ कुर्सी पर बेजान पत्थर सी बैठी थी। लोग उसकी ओर एकटक देख रहे थे, लेकिन एलिजाबेथ चुपचाप बैठी रही। उसके चेहरे पर किसी किस्म का कोई हाव-भाव ना था। होता भी कैसे ? सारे भाव तो उसके अपने ही बाप ने कुचल डाले।
जोसेफ ने अपनी बेटी के साथ बलात्कार का सिलसिला उस समय शुरू किया, जब वो 18 साल की थी। उसने अपनी बेटी को तहखाने में कैद करके रखा, ताकि उसकी करतूतों का पता किसी को ना चल सके। जोसेफ के कुकर्मो की शिकार एलिजाबे बारबार गर्भवती होने लगी।

जोसेफ के कुकर्मो का खुलासा उस समय हुआ, जब उसकी एक बेटी गंभीर रूप से बीमार हो गई। उसकी हालत देख जोसेफ को उसे अस्पताल ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। डॉक्टरों को बेटी की हालत देखकर शक हुआ। उन्होंने जोसेफ से उसकी मां बारे पूछा और उसे अस्पताल लाने को कहा। जोसेफ एलिजाबेथ को अस्पताल ले गया। और इसी ने उसकी सारी पोल खोल दी। अस्पताल पहुंची दुखियारी एलिजाबेथ ने सभी के सामने अपने बाप के कुकर्मो की कहानी सुना डाली। उसकी कहानी सुन हर किसी की आंख भर आई और वहशी जोसेफ के खिलाफ उनके मनों में नफरत भर गई।

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