बस एक कामना, हिम जैसा हो जाए मन
तुमसे,
जो कुछ मिल रहा है
सोचता हूं
बहुत है।।
Labels: मेरी रचना
posted by Apna-pahar @ 8:05 AM
जो मिल जाये..बस, उतना ही काफी और उसके लिए आभार टाईप रचना. बढ़िया है...एक संतुष्ट रचना.
kam shabdo me kahi gayi gahri baat..
बहुत बढिया!!
अति सुन्दर अभिव्यक्ति।
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4 Comments:
जो मिल जाये..बस, उतना ही काफी और उसके लिए आभार टाईप रचना. बढ़िया है...एक संतुष्ट रचना.
kam shabdo me kahi gayi gahri baat..
बहुत बढिया!!
अति सुन्दर अभिव्यक्ति।
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