कितना मुश्किल है...
कितना मुश्किल होता है,
ख़ुद को समझ पाना भी ।
पल में तोला, पल में माशा
होता है आदमी ।।
प्यार को प्यार, मिल ही जाए
ये नहीं होता ।
देखो प्यार करके भी,
वो तनहा रहता है ।।
कौन कहता है ?
कुछ नहीं मिला... दर्दे यार से ।
ये जो ज़िंदगी है,
उसका इंतज़ार है ।।
अब हर आदमी से,
ढंग से मिलता हूं ।
आदमी से खाया धोखा,
बचकर चलता हूं ।।
Labels: मेरी रचना
3 Comments:
प्यार को प्यार, मिल ही जाए ये नहीं होता ।
देखो प्यार करके भी, वो तनहा रहता है ।।
बहुत खूब। कहते हैं कि-
खुशबू तेरे बदन की मेरे साथ साथ है।
कह दो जरा हवा से तन्हा नहीं हूँ मैं।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
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प्यार को प्यार, मिल ही जाए
ये नहीं होता ।
देखो प्यार करके भी,
वो तनहा रहता है ।।
these lines are masterstrokes.keep on trying hand at poetry.
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