शब्द ऐसे हों
शब्दों, आडंबर छोड़ो
अपने सच्चे-सरल-सीधे
रुप में उतरो
सरल अर्थ
सादगी से भरे हों
सीधे ह्रदय को छू लो।।
शब्दों, घृणा त्यागो
प्रेम रस बहाओ
मधुरता भरकर
कड़वाहट हर लो।।
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बस एक कामना, हिम जैसा हो जाए मन
शब्दों, आडंबर छोड़ो
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1 Comments:
सुन्दर बात!!
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