सब्सिडी यात्रा
यूपी की योगी आदित्य
नाथ सरकार ने काम संभालने के बाद, जो शुरुआती फैसले लिए उनमें से एक था - कैलाश मानसरोवर यात्रियों के लिए सब्सिडी बढ़ाकर एक लाख रुपये करना। जाहिर है
ये मानसरोवर की यात्रा करने वालों के लिए अच्छी खबर है।
कल रात मेरे एक
मित्र का फोन आया। उन्होंने कहा कि उनके किसी परिचित को कैलाश मानसरोवर यात्रा पर
जाना है, और उन्हें यूपी सरकार की सब्सिडी की जानकारी चाहिए। मसलन
इस सब्सिडी की प्रक्रिया क्या है, और इसके लिए आवेदन कैसे करना है? सुबह उठकर मैंने सबसे पहले लखनऊ में अपने परिचित पत्रकार साथी को फोन मिलाया।
उनसे सब्सिडी की जानकारी के बारे में पूछा। उन्हें इसके बारे में ज्यादा पता नहीं
था। अलबत्ता उन्होंने मुझे उत्तर प्रदेश सरकार के रिलीजिअस डिपार्टमेंट यानी धार्मिक कार्य विभाग की वेबसाइट
पर सर्च करने के लिए कहा।
मैंने तुरंत गुगल
किया। कुछ देर की कोशिश के बाद मुझे यूपी सरकार के रिलीजिअस डिपार्टमेंट की
वेबसाइट मिल गयी। मुझे लगा काम बन जाएगा। मैं http://dharmartth.up.nic.in/ पर पहुंचा।
लेकिन वेबसाइट के पेज पर सब्सिडी की
जानकारी कहीं नहीं मिली। संपर्क सूत्र की जगह लखनऊ का एक नंबर लिखा था – (2238455) मैंने इस नंबर पर फोन मिलाया। दूसरी तरफ बैठे साहब ने कहा कि ये नंबर रिलीजिअस
डिपार्टमेंट का नहीं है। नंबर बहुत पुराना है। वो झल्लाते हुए कहने लगे, न जाने कब से वेबसाइट अपडेट नहीं हुई है। अलबत्ता उन्होंने मुझे धार्मिक
कार्यों के विभाग का नंबर दिया – (2236857)
मैंने इस नंबर पर
फोन लगाया। दूसरी तरफ बैठे साहब ने पूछा क्या काम है? मैंने कहा मानसरोवर के लिए यूपी सरकार की सब्सिडी के बारे में पूछना है।
उन्होंने कहा, इसके लिए दूसरे नंबर पर कॉल करनी होगी। उन्होंने नया नंबर
बताया – (2238760)
मैंने फिर नंबर
घुमाया। फोन लगते ही अपनी बात बताई। दूसरी तरफ बैठे साहब ने कहा कि आपने गलत नंबर
मिला दिया है। आपको (2236857) पर बात करनी चाहिए। मैंने जवाब दिया इस नंबर पर
तो मैंने अभी बात की थी, उन्होंने ही आपका नंबर बताया। दूसरी तरफ से
आवाज आई… नहीं, पता तो वहीं से चलेगा। उन्होंने कहा कि उनके
पास इसकी कोई जानकारी नहीं है। प्रमुख सचिव साहब बदल गए हैं। हमारे यहां से पता
नहीं चल पाएगा। फोन कट गया। मैं थोड़ा परेशाना हुआ।
मैंने सोचा चलो एक
बार फिर ट्राई करता हूं। मैंने एकबार फिर (2236857) पर फोन लगाया।
बताया कि मैंने थोड़ी देर पहले बात की थी। उन्हें ये भी बताया कि उन्होंने जो नंबर
दिया था, उसपर बैठे साहब ने आपसे ही बात करने को कहा है। लेकिन उन्होंने
फिर वहीं बात दोहराई, नहीं यहां से पता नहीं चल सकेगा। मैंने कहा एक
मदद कर दीजिए। उन साहब का नंबर दे दीजिए, जो मुझे सब्सिडी के बारे
में बता दें। साहब भले आदमी थे। उन्होंने कॉल होल्ड की, शायद डायरी निकाली होगी। फिर एक मोबाइल नंबर दिया। कहा, ये रिलीजिअस डिपार्टमेंट में अंडर सेक्रेटरी साहब हैं।
मैंने अंडर
सेक्रेटरी साहब को फोन किया। उन्हें बताया कि मुझे क्या पता करना है। अंडर
सेक्रेटरी साहब भी भले आदमी निकले। उन्होंने कहा कि विभाग की वेबसाइट में जानकारी
होगी। मैंने कहा वहां नहीं है। तो उन्होंने सब्सिडी की प्रक्रिया के बारे में
जानकारी दे दी। मैंने अंडर सेक्रेटरी साहब को थैंक्यू कहा और फोन रख दिया।
हालांकि अभी भी
सब्सिडी का फॉर्म कहां मिलेगा इसकी जानकारी नहीं है। एक छोटे से सब्सिडी फॉर्म के
लिए मुझे एक सरकारी वेबसाइट खंगालनी पड़ी। चार नंबरों पर बात करनी पड़ी। लेकिन
सवाल का उत्तर नहीं मिला। वैसे इस बातचीत के दौरान एक ही बात अच्छी लगी। फोन पर जो
जो साहब आए, उन्होंने शालीनता के साथ बात की। और मेरे सवालों का जितना
वो जानते थे जवाब दिया।
वैसे सुना है यूपी
की योगी आदित्य नाथ सरकार चौबीसों घंटे काम कर रही है। और बेशक कैलाश मानसरोवर
यात्रा की सब्सिडी बढ़ाने के पीछे उनका कोई बड़ा लक्ष्य होगा। लेकिन घोषणाएं तो
पुरानी सरकारें भी करती थीं। जरुरतमंद इसे हासिल कैसे करेगा? ये रास्ता भी तो आसान बनाना होगा
- सरकार महोदय।
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