बौने नायकों के दौर में तनुश्री दत्ता की बात कौन सुनेगा?
तनुश्री दत्ता ने #MeToo Movement में शामिल होकर दस साल पुरानी घटना का खुलासा
किया। उन्होंने बताया कि 2008 में एक फिल्म के सेट पर हीरो नाना पाटेकर ने उनके
साथ कैसा बर्ताव किया?
हीरो से मिली जिल्लत को तनुश्री दत्ता ने हिम्मत के साथ दुनिया के सामने रखा। उन्हें
उम्मीद रही होगी कि फिल्म इंडस्ट्री उनका बढ़ चढ़कर साथ देगी; जैसा इस कैंपेन के दौरान
हॉलीवुड में देखने को मिला था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
नई पीढ़ी के सितारों ने कुछ हद तक तनुश्री का समर्थन किया, लेकिन मुंबई की
फिल्मी दुनिया के दमदार चेहरों ने इस घटना से मुंह मोड़ लिया। इस घटनाक्रम ने फिर जाहिर
कर दिया है कि बॉलीवुड की ‘सिल्वर सिल्वरी’ चमक नकली है।
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मुझे सबसे ज्यादा हैरान किया, महानायक अमिताभ बच्चन के रिएक्शन ने। वैसे यह
दूसरा मौका है, जब अमिताभ बच्चन अपने कद से काफी बौने नजर आ रहे हैं। पहले ताजा
बात, पुरानी बात आगे करेंगे।
न मैं महानायक हूं, न नायक हूं; आखिर क्या हूं मैं?
फिल्म 'ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान' के ट्रेलर लॉन्च के दौरान एक रिपोर्टर ने तनुश्री विवाद पर
अमिताभ बच्चन और आमिर खान से उनकी राय जाननी चाही।
इस सवाल पर अमिताभ बच्चन का जवाब हैरान करने वाला था – “न तो मेरा नाम तनुश्री है, और न ही नाना पाटेकर। कैसे उत्तर दूं, आपके सवाल का।”
महानायक ने जब ये डॉयलॉग कहे, तो संवाद अदायगी उसी अनुरुप थी; जिसकी दुनिया उनसे उम्मीद
करती है। पर इनमें भावनाएं नहीं थी; एक लड़की के साथ हुए शोषण से पल्ला झाड़ने की
जल्दबाजी थी, इस डॉयलॉग में।
अमिताभ बच्चन ने ऐसा जवाब क्यों दिया? मैं इस सवाल के बारे में उसी पल से सोच रहा हूं,
जब मैंने अमिताभ बच्चन को ऐसा कहते सुना। यकीन नहीं हुआ, एक महानायक ऐसी बातें कह
सकता है!
महानायक के किस चेहरे पर यकीन करें?
उस पल मुझे सदी के महानायक की वो चिट्ठी याद आई, जो उन्होंने अपनी पोती और नातिन
को लिखी थी।
मैं सोचने लगा कि कौन सा महानायक सच्चा है?
क्या वो महानायक, जो अपनी रौबदार आवाज और एक्टिंग के बलबूते करोड़ों लोगों के
दिल पर राज करता है?
या वो महानायक, जिसने अपनी पोती और नातिन को एक दिल छू लेनी वाली चिट्ठी लिखी
थी?
या वो महानायक, जो एक लड़की के साथ हुई शर्मनाक घटना पर संवेदनशील होकर एक
वाक्य नहीं कह पा रहा है?
‘परफेक्शनिस्ट’ को रिलीज की चिंता खाए है!
बगल में एक दूसरा नायक आमिर खान भी बैठा था। वो आमिर खान, जिसे दुनिया
परफेक्शनिस्ट कहती है। मैंने उम्मीद पाल ली थी कि महानायक के इस असंवेदनशील जवाब
पर परफेक्शनिस्ट कुछ करेक्शन करेंगे। पर महानायक के जवाब को परफेक्शनिस्ट आमिर खान
ने इस अंदाज में सुना; जैसे कुछ नहीं हुआ, कुछ कहा ही नहीं गया।
आमिर खान चाहते तो रिपोर्टर के सवाल का कोई दिल छू लेने वाला जवाब दे सकते थे; लेकिन मुझे ऐसा लगा, जैसे उन्होंने
बला टली वाले अंदाज में इस सिलसिले के खत्म होने का इंतजार किया हो।
इवेंट मैनेज कर रही महिला को ऐसे सवालों ने असहज कर दिया था, तो उसने
रिपोर्टर्स से सिर्फ फिल्म के बारे में ही सवाल पूछने का आग्रह किया। रिपोर्टर्स
में से किसी ने जोर देकर कहा कि महानायक और परफेक्शनिस्ट को सवालों का जवाब देने
दिया जाए।
इस पर परफेक्शनिस्ट की बेचारगी टपककर कैमरे के लैंस पर आ गिरी। उन्हें मजबूर होकर कहना पड़ा – “मैं बता दूं कि क्यों मैं इसपर नहीं बोल सकता। क्योंकि हमारी फिल्म रिलीज पर है। कुछ भी बोल दूंगा, मेरी फिल्म रुक जाएगी।“उन्होंने आगे कहा – फिल्म रिलीज होने दो, इसके बाद मैं सारे सवालों के जवाब दूंगा।
खिलाड़ी नंबर वन की मासूमियत पर, कौन न मर जाएं?
अक्षय कुमार से भी इस विवाद पर सवाल पूछा गया। सवाल सुनते ही सिल्वर स्क्रीन
के खिलाड़ी नंबर वन के चेहरे की हवाईयां उड़ गई। मुझे उनका चेहरा देखकर ऐसी ही
लगा।
अक्षय कुमार ने रिपोर्टर के सवाल का जो जवाब दिया, वो हैरानी से भरपूर है – “आप एक काम करो; आप दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में आना, जहां इसकी बातें होंगी। अभी फिलहाल ये चल रहा है। आप समझदार इंसान लगते हो मुझे; और आप ऐसी बाते कर रहे हो, यहां पर। यहां क्या जरुरत है, ऐसी बातें करने की?
कहना पड़ेगा, अक्षय कुमार खिलाड़ी नहीं है; खिलाड़ी अगर कोई है भी तो वो ट्विंकल खन्ना हैं।
ट्विंकल खन्ना, तनुश्री दत्ता के समर्थन में खड़ी हुईं। यहां समर्थन से ज्यादा
शोषण की शिकार एक लड़की के साथ संवेदनशीलता दिखाने की बात है।
एक हीरो (ट्विंकल खन्ना) और एक ‘फिल्मी हीरो’ में क्या फर्क होता है, तनुश्री मामले में
जाहिर हो रहा है।
दबंग खान कुछ नहीं जानता!
फिल्म इंडस्ट्री के दबंग खान को लोग इसलिए भी पसंद करते हैं, क्योंकि वो किसी
की परवाह नहीं करता। पर नाना पाटेकर का नाम आया, तो दबंग खान की सारी दबंगई धरी
रहल गई।
एक इवेंट में महिला रिपोर्टर ने सवाल पूछा – “सलमान आपको नहीं लगता कि इंडस्ट्री से होने के नाते आप लोगों को इसपर रिएक्ट करना चाहिए? क्योंकि हम देखते हैं कि फिल्म इंडस्ट्री से हमेशा वुमैन एमपावरमेंट की बात की जाती है....”
रिपोर्टर सवाल पूछ रही थी। सुपरस्टार सलमान खान ने चेहरा हाथों से ढक रखा था।
मानो सुपरस्टार इस अनचाहे सवाल का मुकाबला करने से बच रहा हो।
सलमान ने सवाल पूरा नहीं होने दिया। रिपोर्टर को बीच में टोका, और फिर कहा। “मुझे इस घटना की जानकारी नहीं है। मुझे इस घटना की जानकारी लेने दीजिए। मुझे नहीं पता है कि आप किसके बारे में बात कर रही हैं?“
संभव है, सलमान खान इस सवाल के बारे में न जानते हों। वो यहीं पर रुक जाते, तो
ठीक रहता। पर सलमान ने ‘हमारे नायक’ को अपनी बातों से
छोटा बना दिया।
सलमान ने दो बार रिपोर्टर से पूछा - “मैडम, आप किस इवेंट में आए हैं?”
सीधा मतलब था,
इवेंट के बारे में सवाल पूछो। तनुश्री के बारे में नहीं।
इवेंट के आयोजक ने रिपोर्टर से यही बात खुलकर कही। ये ठीक था। इसपर किसी को
कोई ऐतराज नहीं होना चाहिए। इवेंट के आयोजक ने रिपोर्टर को इस मुद्दे पर सवाल करने
से मना कर दिया।
‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का ब्रांड अंबेसडर, बेटियों के शोषण पर मौन रहता है
अमिताभ बच्चन को लेकर एक बात ऊपर छूट गई थी। महानायक होने के साथ-साथ अमिताभ बच्चन ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ के ब्रांड एंबेसडर भी हैं। उनसे उनकी फिल्म ‘102 नॉट आउट' के प्रमोशन के दौरान कठुआ और उन्नाव के रेप कांड पर सवाल पूछा गया।तब अमिताभ बच्चन ने कहा - “इस विषय पर चर्चा करने में हमें घिन आ रही है। इस विषय को न उछालें। इस बारे में बात करना भी दिल दहलाने वाला है।“महानायक को ऐसी बातें भले परेशान न करती हों, पर संवेदनशील लोगों को इससे परेशानी होती है। तब फिल्मी दुनिया से जुड़ीं पूजा भट्ट ने अमिताभ के ऐसे रिएक्शन पर हैरानी जताई थी।
ये सच में हैरान करने वाला है। ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का ब्रांड एंबेसडर बच्चियों से रेप पर बोलने से बचता है। वो दूसरों को इस पर बोलने से बचने की नसीहत देता है। सवाल पूछने से मना करता है।
असली हीरो को मेरा सलाम पेश है
जब महानायक अपने कद से बौना हो गया।
परफेक्शनिस्ट को अपनी फिल्म की रिलीज की चिंता खाए जा रही थी।
सलमान खान घटना के बारे में जानकारी नहीं होने का बहाना बना रहे थे।
खिलाड़ी नंबर वन सवालों से बचते रहे, और रिपोर्टर को नसीहत की घुट्टी पिला रहे
थे।
तब असली हीरो बनकर सामने आए, कुछ कम चमकीले सितारे। स्वरा भास्कर, प्रियंका चोपड़ा, अनुष्का
शर्मा, रिचा चड्ढा, परिणिता चोपड़ा, फ्रिडा पिंटो, फरहान अख्तर, अनुराग कश्यप, वरुण
धवन, विवेक ओबराय और अर्जुन कपूर जैसे असली नायक।
अनुष्का शर्मा ने जो कहा, वही इस कहानी का अंत होना चाहिए।
मेरी ‘हीरो’ अनुष्का ने कहा - “वर्क प्लेस किसी महिला के लिए घर के बाद सबसे सुरक्षित जगह होती है। तनुश्री दत्ता ने जो कहा है, उसके लिए बहुत हिम्मत चाहिए। इसी वजह से कई महिलाएं अपनी बात नहीं कह पाती। हमें ऐसी महिलाओं की बात सुननी चाहिए। और उनके साथ सम्मान के साथ पेश आना चाहिए।“
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