इस बैलून से लड़कियों को बचाइए !
प्रिय गृह मंत्री
जी,
आपको होली की ढेर सारी शुभकामनाएं। उम्मीद है आप कुशल होंगे। दरअसल मैं बहुत बुरा महसूस कर रहा हूं। जब से दिल्ली यूनिवर्सिटी के जीसस एंड मैरी कॉलेज में पढ़ने वाली उस लड़की की बात सुनी है। मैं बहुत शर्मिंदा हूं। यकीन नहीं कर पा रहा हूं कि मैं उस समाज का हिस्सा हूं, जिसकी आंखों से शर्म हट गयी है। वैसे तो आपको बताने की जरुरत नहीं है। आप दिल्ली पुलिस के बॉस हैं, और आपको बताया गया होगा कि एक हफ्ता पहले जीसस एंड मैरी की उस लड़की के साथ क्या हुआ था?
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गृह मंत्री जी, मुझे लगता है, एक बार मैं आपको बताऊं कि उस लड़की के साथ कितना
शर्मनाक और घिनौना वाकया पेश आया है। और उसने इसके बारे में क्या महसूस किया? उस लड़की ने इस घटना के करीब एक हफ्ते बाद उस घिनौने वाकये के बारे में जो
बातें कहीं, वो परेशान करती हैं।
"मैं अमर कॉलोनी मार्केट के पास से गुजर रही थी। बस स्टॉप के पास खड़े कुछ लोगों ने मुझ पर बैलून फेंका। ये बहुत ही घिनौना था। मैं शर्मिंदा नहीं हूं, लेकिन ये घिनौना था। जब मैं घर पहुंची, तो मुझे ये देखकर बहुत बुरा लगा कि किस तरह इंसान इतना नीचे गिर गया है। किसी अनजान शख्स द्वारा मुझ पर सीमन फेंका जाए, इसे कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता। ये मेरे आत्मसम्मान के खिलाफ है।“
प्रिय गृह मंत्री जी, ये उस लड़की की आवाज है। जिसके आत्मसम्मान को सरेराह ठेस
पहुंचाई गयी है। उसके साथ मर्यादा की सारी सीमाएं लांघी गयी। ये लड़की कमजोर नहीं
है, हिम्मती है। वो चाहती तो, चुपचाप इस बात को छिपा
सकती थी। एक बुरी घटना समझकर इसे भूलने की कोशिश कर सकती थी। लेकिन इस लड़की ने
ऐसा नहीं किया। इसलिए इस घिनौने घटनाक्रम के
बारे में सोशल मीडिया में लिखा। क्योंकि ये
लड़की हमसे कुछ चाहती है, वो चाहती है कि हम एक समाज के रुप में महिलाओं का सम्मान
करना सीखें। अपनी मर्यादाओं को पहचानें। तभी तो जब उससे सवाल पूछा गया कि ऐसे उत्पीड़न के खिलाफ आप क्या मैसेज देना
चाहती हैं? इस लड़की का जवाब सुनने लायक है।
“मैं सभी पुरुषों
से कहना चाहती हूं कि महिलाओं की इज्जत करें। वो किसी की बहन है, किसी की पत्नी है, किसी की बेटी है और किसी की दोस्त है। भले
ही आप उस महिला से नहीं जुड़े हैं। लेकिन कई लोग उनसे जुड़े हैं। प्लीज,
आप उनकी इज्जत करें और उनकी मर्यादा का ख्याल
रखें।"
सर, आपको ये बातें बताना जरुरी है, क्योंकि जिस दिल्ली में ये घटना हुई है। वहां का
लॉ एंड आर्डर आपके दायरे में आता है। और आप दिल्ली पुलिस के बॉस हैं, ये कहने की कोई जरुरत नहीं है। गृह मंत्री जी, इस लड़की ने अपने साथ
घिनौने वाकये के बारे में सोशल मीडिया पर 24 फरवरी को कमेंट लिखा था। उसका ये
पोस्ट वायरल भी हुआ था। एक हफ्ता होने को है। लेकिन दिल्ली पुलिस का रवैया बड़ा
सुस्त दिख रहा है। ये बात दिल्ली पुलिस नहीं मानेगी, लेकिन दिल्ली पुलिस मुस्तैदी
दिखाती, तो एक मार्च के दिन दिल्ली यूनिवर्सिटी की लड़कियों को
दिल्ली पुलिस के हेडक्वार्टर के सामने प्रोटेस्ट न करना पड़ता।
आपकी पार्टी हिंदू
धर्म की संस्कृति का सम्मान बढ़ाने वाली पार्टी है। आप इसे ज्यादा समझेंगे कि कुछ
बदमाशों की वजह से आज हिंदूओं के एक रंगारंग त्यौहार को लोगों का गुस्सा झेलना पड़
रहा है। दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर पर प्रोटेस्ट कर रही लड़कियों ने क्या नारे लगाए? शायद आपको कोई बताएगा नहीं। दिल्ली पुलिस के ढीले रवैए से नाराज लड़कियां
चिल्ला रही थीं। “होली के नाम पर छेड़छाड़ की संस्कृति
मुर्दाबाद मुर्दाबाद। होली के नाम पर छेड़छाड़ क्यों, दिल्ली पुलिस जवाब दो, जवाब दो। वी वॉन्ट जस्टिस।“ गृह मंत्री जी, होली बदनाम हो रही है। लड़कियों पर सीमन भरे बैलून फेंकने
वाले बदमाशों के खिलाफ एक्शन लीजिए।
आपको ये बताना भी
ठीक रहेगा कि प्रोटेस्ट करने वाली एक लड़की ने क्या कहा। उसने कहा, "हर साल यही होता है। जो लड़कियां बाहर जाती हैं। उन्हें बैलून मारे
जाते हैं। अब तो लड़कियों को सीमन से भरे बैलून मारे जा रहे हैं। दिल्ली
पुलिस ने क्या स्टैंड लिया है? इसलिए
हम प्रोटेस्ट करने के लिए मजबूर हुए हैं।"
एक दूसरी लड़की ने कहा, "सीमन से भरे बैलून लड़कियों पर फेंके जाने की घटना से
छात्राओं में बहुत गुस्सा है। बैलून फेंकने के बाद लोग कहते हैं कि बुरा न मानो होली है। हम देश और
प्रशासन से सवाल पूछना चाहते हैं कि हम एक ऐसे देश में रह रहे हैं जहां गायों को
सुरक्षा मिलती है। लेकिन लड़कियों की सुरक्षा का क्या हाल है? देश में बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ सिर्फ
टोकनिज्म बनकर रह गया है। हम यही सवाल सरकार से पूछ रहे हैं।"
सर, जवाब तो किसी न किसी को
देना होगा। वो भी तब जब दिल्ली पुलिस के कंधे पर मुस्तैदी का तमगा चमचमा रहा है। मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से उस रात मारपीट के मामले में पुलिस ने जबर्दस्त तत्परता दिखाई। बहुत अच्छा काम किया। आप
बधाई के पात्र हैं। घटना के सिर्फ 48 घंटे के अंदर आम आदमी पार्टी के दो आरोपी विधायक जेल में डाल दिए गए। दो और विधायकों से पूछताछ हो रही है। दिल्ली पुलिस ने एक राज्य के मुख्यमंत्री के घर छानबीन की। घर पर लगे 21 सीसीटीवी कैमरों को जब्त किया। आपने छानबीन में डीसीपी
को लगाया। सिर्फ पुलिस ही क्यों? दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर का ऑफिस
एक्टिव हुआ। आपका आफिस एक्टिव हुआ, आपने खुद बात की। प्रधानमंत्री ऑफिस भी एक्टिव हुआ। बहुत
अच्छी बात है, सरकारी काम में
लगे अफसर को प्रोटेक्ट करने के लिए ये सब होना चाहिए।
पर दिल्ली के जीसस एंड मैरी कॉलेज की उस छात्रा के साथ घिनौनी हरकत को एक हफ्ता हो गया है। दिल्ली पुलिस वैसी मुस्तैदी नहीं दिखा रही है। जैसा मुख्य सचिव के मामले में हुआ। सर, इससे गलत मैसेज जा रहा है। लोग कह रहे हैं कि कानून सिर्फ बड़े लोगों के लिए काम करता है। पुलिस और प्रशासन सिर्फ ऊंचे पदों पर बैठे लोगों की ही सुनता है। ये इसलिए लग रहा है क्योंकि देश की राजधानी में होली के नाम पर एक छात्रा के ऊपर ‘सीमन’ से भरा गुब्बारा फेंका गया है। लेकिन किसी की गैरत नहीं जाग रही है। एक समाज के रुप में हमारी आंखों की शर्म मर गयी है। मैं तो हाथ जोड़कर ये कहना चाहता हूं कि आपको इस लड़की से बात करनी चाहिए। आपको समझना चाहिए कि उस लड़की ने उस दिन क्या महसूस किया। उम्मीद करता हूं कि आप हमेशा की तरह संवेदनशीलता दिखाएंगे।
पर दिल्ली के जीसस एंड मैरी कॉलेज की उस छात्रा के साथ घिनौनी हरकत को एक हफ्ता हो गया है। दिल्ली पुलिस वैसी मुस्तैदी नहीं दिखा रही है। जैसा मुख्य सचिव के मामले में हुआ। सर, इससे गलत मैसेज जा रहा है। लोग कह रहे हैं कि कानून सिर्फ बड़े लोगों के लिए काम करता है। पुलिस और प्रशासन सिर्फ ऊंचे पदों पर बैठे लोगों की ही सुनता है। ये इसलिए लग रहा है क्योंकि देश की राजधानी में होली के नाम पर एक छात्रा के ऊपर ‘सीमन’ से भरा गुब्बारा फेंका गया है। लेकिन किसी की गैरत नहीं जाग रही है। एक समाज के रुप में हमारी आंखों की शर्म मर गयी है। मैं तो हाथ जोड़कर ये कहना चाहता हूं कि आपको इस लड़की से बात करनी चाहिए। आपको समझना चाहिए कि उस लड़की ने उस दिन क्या महसूस किया। उम्मीद करता हूं कि आप हमेशा की तरह संवेदनशीलता दिखाएंगे।
आपका शुभाकांक्षी
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