एक गाली देने में क्या जाता है ?
वोट पाने के लिए
आसान रास्ता लगा उन्हें (?)
हिंदू को अपने पाले में कर लो
मुसलमान को एक गाली देकर
कितना आसान काम है
एक गाली देने में क्या जाता है ?
कितना वक्त लगता है ?
पर एक गाली की टीस
कई दिनों तक सहता है
आम आदमी
वो आम..... जिसे रोज खाना
रोज कमाना होता है ।।
और उनका क्या ?
जो गाली और इसके बाद एक गाली के बीच
लड़-लड़कर अपना खून बहा रहे हैं
इसबार जीत भी जाएंगे वो (?)
पर हार जाएगा... (?) भाईचारा
लोगों के बीच सालों से पनपा अमन ।
वो जीतकर संसद पहुंचेंगे
हो सकता है ? नेताजी मंत्री बन जाए
पर लोगों का क्या होगा ?
लोग कहां जाएंगे ?
जो टूट गए रिश्ते
क्या वो फिर से पनपेंगे ?
क्या इन टूटे रिश्तों पर प्यार के फूल खिल पाएंगे ?
Labels: राजनीति
2 Comments:
मंदिर को जोड़ते जो मस्जिद वही बनाते।
मालिक है एक फिर भी जारी लहू बहाना।।
मजहब का नाम लेकर चलती यहाँ सियासत।
रोटी बड़ी या मजहब हमको जरा बताना।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
bahut hi adbhut sunder aur samayik rachna hai dil ko chhoo lene vali bahut 2 bdhai
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