अफवाह है, आपके विवेक को खा जाएगी…
अगर आपकी आंखें खुली नहीं हैं। और आप विवेक और तर्क का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। तो ये निश्चित है कि एक गुमनाम फौज आपके इर्द गिर्द आपके दिमाग को गुलाम बनाने की तैयारी में हैं। और जल्द ही आपको पता भी नहीं चलेगा और आप उसके गुलाम होंगे। धीरे धीरे ही सही पर ये होगा, एक दिन। आप अपनी आंखों से देखना भूल जाएंगे। तथ्यों पर भरोसा नहीं करेंगे। विवेक का इस्तेमाल करने के सलाहियत आपमें वो बचने नहीं देंगे।
मैं इस बात से अबतक हैरान हूं। मेरे एक बहुत पढ़े लिखे मित्र। सच कहूं तो मित्र कम, बड़े भाई ज्यादा। और साथ में एक बड़े पत्रकार ने मुझे रात करीब सवा ग्यारह बजे एक वट्सअप मैसेज भेजा। एक छोटा राइटअप और एक वीडियो। उन्होंने मुझसे जानना चाहा था कि क्या ये सही है? मुझे लगा वो मेरी राय जानना चाहते हैं, इसलिए मैंने तुरंत वीडियो खोलकर देखा। मेरी आंखों और मेरे विवेक ने तुरंत मुझे जवाब दे दिया। जवाब था। नहीं, इस वीडियो का राइटअप से कोई लेनादेना नहीं है। मैंने उन्हें वट्सअप पर ही जवाब दिया। ये फर्जी लगता है। पर शायद उन्हें मेरे जवाब पर ऐतबार नहीं हुआ। मैंने कहा मैसेज में जिस इलाके का जिक्र किया गया है, वीडियो में लोगों का पहनावा वहां का नहीं लग रहा है। उनका जवाब था, ऐसी कपड़े वहां भी पहने जा सकते हैं, जिसका जिक्र वट्सअप मैसेज में हैं। मैंने जवाब दिया कि पहनावा तो वहां का कतई नहीं लगता। शायद वो मेरी बात मान गए। या फिर उन्होंने मुझसे बहस करना मुनासिब नहीं समझा।
अंत में वो इस बात पर राजी हुए कि वीडियो कहीं का भी हो। पर है तो बड़ा वीभत्स। मैंने कहा – हां, वीभत्स तो है। लेकिन राइटअप फर्जी है, और किसी लगता है कि खास उद्देश्य से सोशल मीडिया में फैलाया जा रहा है। शायद वो मेरी इस बात से सहमत नहीं हुए। संभव है वो नाराज हुए होंगे। उन्होंने कहा कि कल बात करते हैं। और हमारा वट्सअप पर वार्तालाप खत्म हो गया।
मैं इस बात से काफी सोच में पड़ गया था। मैं सोचने लगा कि एक पढ़े लिखे और पेशे से पत्रकार व्यक्ति को सोशल मीडिया पर इस तरह के वीडियो और मैसेज भ्रम में डाल सकते हैं। तो फिर एक कम तर्कशील व्यक्ति के जेहन पर इस तरह के वीडियो और मैसेज कितना बुरा असर करते होंगे। वट्सअप मैसेज मिलते वक्त मैं सोने की तैयारी में था। लेकिन अचानक इस सवाल से मेरी नींद उखड़ गयी। मैं सोचने लगा। फिर कुछ देर बाद मैंने कंप्यूटर आन किया। और मैं ये राइटअप लिखने बैठ गया।
अपनी बात आगे बढ़ाऊं। उससे पहले उस राइटअप के बारे में थोड़ा बता दूं। इस राइट अप में लिखा था। “ये वीडियो आंध्र प्रदेश का है। एक हिंदू मारवाड़ी लड़की को जिसने मुस्लिम युवक से शादी कर ली थी। आज उस हिंदू मारवाड़ी लड़की को कुछ मुसलमानों ने मिलकर मारा और जिंदा जला दिया। बुर्का न पहनने के लिए। देखिए, दिल दहला देने वाला वीडियो। और फिर लिखा था। साथियो इस वीडियो और मैसेज को इतना फैलाओ कि प्रधानमंत्री मोदी जी इस पर कोई एक्शन लें।“
मुझे वट्सअप पर जो मैसेज मिला, उसे हुबहू चिपका रहा हूं।
“Andhra pradesh की एक हिंदू मारवाड़ी लड़की जिसकी शादी एक मुस्लिम लड़के के साथ शादी हुई थी ।
आज कुछ मुस्लिम लोगों नें मिलकर बुरी तरह मारा फिर जिंदा जला दिया ।
आज कुछ मुस्लिम लोगों नें मिलकर बुरी तरह मारा फिर जिंदा जला दिया ।
बुर्का ना पहनने के लिये – देखिये दिल दहला देने वाली video
सभी ग्रुप मेमबर्स से निवेदन है की इस विडियो को इतना फैलाओ की देश के प्रधानमंत्री मोदी इस पर कोई instant action लें आज Whatsapp के माध्यम से इतना सभी तक पहुँचावें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी तक यह पहुँचाने का आज whatsapp इस्तेमाल करनें का असली दिन है ।
plz plz plz..
सभी ग्रुप मेमबर्स से निवेदन है की इस विडियो को इतना फैलाओ की देश के प्रधानमंत्री मोदी इस पर कोई instant action लें आज Whatsapp के माध्यम से इतना सभी तक पहुँचावें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी तक यह पहुँचाने का आज whatsapp इस्तेमाल करनें का असली दिन है ।
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ये video send करो”
एकबात बिल्कुल साफ कर दूं। इस बात में जरा भी संदेह नहीं कि ये वीडियो बड़ा ही वीभत्स है। जैसा मैंने पहले भी कहा। लेकिन इस वीडियो का आंध्र प्रदेश से तो कई लेना देना जरा भी नहीं लगता। तो जैसा मैंने बताया। अगर आपकी आंखें खुली हैं। विवेक जिंदा है। तो ऐसे वीडियो और मैसेज देखकर आप खुद से सवाल करेंगे। पूछेंगे क्या ये सच है? क्या ऐसा संभव है? और क्या ये हुआ होगा? मैंने भी खुद से यही सवाल किए। मैंने वीडियो चलाकर देखा। वीडियो में महिलाओं ने हाफ पैंट और ऊपर टीशर्ट पहनी हुई है। पुरुषों ने जींस, हाफ पैंट, टीशर्ट पहनी है। ज्यादातर लड़के कैप लगाए हुए हैं। वीडियो में दिख रहे लोग की चेहरे मोहरे भी भारतीय नहीं लग रहे हैं।
इन दो बातों के मद्देनजर मेरे लिए इस बात का अंदाजा लगाना बिल्कुल आसान था कि ये लोग आंध्र प्रदेश के तो नहीं हैं। खासतौर पर तब जबकि भीड़ में एक भी महिला ने न बुर्का पहना था। और न ही किसी पुरुष के सिर पर टोपी या दाढ़ी दिख रही थी।
मैंने इस राइटअप को आधा लिखने तक Google सर्च की मदद लेने के बारे में नहीं सोचा। अचानक दिमाग में आया कि संभव है कि ये खबर सच ही हो। इसलिए तुरंत Google के सर्च इंजन में “andhra pradesh latest news of girl burn” टाइप किया। सामने कई खबरें खुल गई। सर्च इंजन पर खुली खबरें सच ही हों, इसपर भी भरोसा नहीं किया जा सकता। इसलिए मैं कुछ ऐसी चुनिंदा वेबाइसट सर्च करने लगा। जिसपर भरोसा किया जा सकता है।
तो मैंने लंदन से पब्लिश होने वाले आनलाइन न्यूजपेपर The Independent पर भरोसा किया।
The Independent की खबर
16-year-old girl beaten and burned alive by lynch mob in Rio Bravo, Guatemala
A graphic video of the brutal attack has been shared widely in Guatemala
हेडलाइन और डेटलाइन से दो बातें साफ हैं। पहली बात ये कि वीडियो सही है, लेकिन आंध्र प्रदेश का नहीं बल्कि ग्वाटेमाला का है। दूसरी बात, वीडियो आज का नहीं है, बल्कि दो साल से भी ज्यादा पुराना है। मैं भली प्रकार जानता हूं कि इस बात पर कुछ लोग भरोसा नहीं करेंगे। इसलिए मैंने एक और पुख्ता वेबसाइट से इस बात की पुष्टि करना मुनासिब समझा। मैंने ब्रिटेन के ही एक और बड़े टेबलॉइट न्यूजपेपर The Daily Mail की एक खबर को देखा। दोनों वेबसाइट ने इस बात की पुष्टि कर दी कि नृशंश खबर ग्वाटेमाला की है। आंध्र प्रदेश की नहीं। हिंदू मुस्लिम एंगल तो कतई नहीं है।
The Daily Mail की खबर
Shocking moment girl, 16, is surrounded and beaten by mob who burned her to death after she was involved in murdering a 68-year-old taxi driver in Guatemala
- Horrifying video shows girl in flames as vicious mob cheer and taunt her
- Teenager was allegedly part of a gang that killed a motorcycle taxi driver
- Police now investigating despicable incident in the village of Rio Bravo
Google के सर्च इंजन पर इसी खोजबीन के बीच मुझे thecitizen.in का एक राइटअप दिखा। ये राइटअप 26 मार्च का है। यानी आज से पांच महीने पुराना। खबर पांच महीने पुरानी हो, तो मर जाती है। लेकिन अफवाह जिंदा रहती है। इस वट्सअप वीडियो मैसेज ने आज मुझे बताया। इस राइटअप को पत्रकार प्रतीक सिन्हा ने लिखा है। उनपर मैं भरोसा कर सकता हूं। उन्होंने अपने राइटअप में तार्किक तरीके से ये साफ कर दिया कि ग्वाटेमाला के पुराने वीडियो को कुछ लोग कैसे हिंदू मारवाड़ी लड़की का बताकर समाज में घृणा और नफरत फैला रहे हैं।
thecitizen.in का राइटअप
Old Gautemalan Lynching Video Made Viral by 'Bhakts' With "Girl Marwadi, Mob Muslim' Text
PRATIK SINHA
Sunday, March 26,2017
NEW DELHI: For the past few months, I have repeatedly come across a video posted by BJP supporters on social media in which a young girl is beaten up by a mob and then set to fire. The text with this speaks of a Marwadi girl, married to a Muslim guy in Andhra Pradesh, being beaten and burnt because she refused to wear a Burkha.I have created a video---based on research and corroboration--- to put forward the facts and to show how a 2 year old mob lynching video from Guatemala is being passed off as a Marwadi woman being murdered by a Muslim mob. Please watch the video below to see how the right-wing fake news cum hatred industry works and how scarily effective it is. For those who are not comfortable with Hindi, please read on.
इस खबर का लिंक:
http://www.thecitizen.in/index.php/NewsDetail/index/1/10255/Old-Gautemalan-Lynching-Video-Made-Viral--by-Bhakts-With-Girl-Marwadi-Mob-Muslim-Text
ये सब लिखते लिखते रात के एक बजने वाले हैं। कैलेंडर में तारीख बदल गयी है। आज 31 अगस्त है। तीस अगस्त की रात 11 बजकर 11 मिनट पर वो फर्जी वीडियो और मैसेज न मिला होता। तो अभी मैं डेढ़ घंटे की नींद पूरी कर चुका होता। खैर इस मैसेज पर दो मिनट बाद मैंने जो जवाब दिए। उसपर मैं अब सुकून कर सकता हूं। मैंने प्रथम दृष्टया वीडियो देखकर उसे नकारा था। फिर भी मन के एक कोने में ये बात थी, कि क्या पता सही ही हो? लेकिन डेढ़ घंटे की सर्च गिरी करने और अपने विवेक का इस्तेमाल करने पर बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं। एक को भी समझा पाया कि ये वीडियो फर्जी है। भाई इसकी मंशा को पहचानो, तो मेरा काम हो गया। शुभ रात्रि। आपको ईश्वर ऐसे वीडियो और मैसेज से बचाकर रखे। वैसे ईश्वर कभी नहीं आएगा। आपकी खुली आंखें और खुला विवेक आपको बचा लेंगे। बशर्ते एक गुमनाम फौज ने इन्हें गुलाम न बना लिया हो। सब्बा खैर।